Wednesday 14 March 2018

असग़र वजाहत की दस लघु कथायें - भय का दर्शन / विजय शंकर सिंह

भय का दर्शन
10 कहानियां
अ.व.
1.
- गुरु जी मेरी लोकप्रियता कम हो रही है।
- कैसे राजन?
- लोग मेरी बात नहीं सुनते।
- तुम कैसे बात करते हो?
- जैसे आप से बात कर रहा हूं।
- नहीं नहीं इस तरह कोई तुम्हारी बात नहीं सुनेंगा।
- फिर क्या करूं गुरुजी?
- कान खोल कर सुन लो। तुम्हारी बात लोग उस समय तक नहीं सुनाएंगे जब तक तुम उनको डराओगे नहीं।

2.
- लोगों को कैसे डराया जा सकता है राजगुरु?
- आदमी को डराना तो संसार का सबसे सरल काम है राजन। किसी भी चीज से लोगों को डराया जा सकता है।
- जैसे?
- जैसे मरे हुए चूहे से डर दो।
-और?
- जैसे पानी से डरा दो।
- और?
-जैसे आग से डरा दो । डर तो बहुत ही उत्तम भाव है राजन।
- कैसे?
- डर से ही लोगों में एकता आती है।
- मैं यही करना चाहता हूं राजन।

3.
- डराने का सबसे उत्तम विषय क्या है राजगुरु ?
- इसका एक ही सिद्धांत है राजन।
- क्या सिद्धांत है राजगुरु?
- पहले पता करना चाहिए किसको क्या  सबसे प्रिय है।
- उस से क्या होगा ?
- उसी से सब कुछ होगा राजन। उसी से सब कुछ होगा।

4.
- तुम को सबसे अधिक प्रिय क्या है राजन?
- मुझे सबसे अधिक प्रिय है मेरी सत्ता।
- अगर तुम्हें डरा दिया जाय  कि तुम्हारी सत्ता चली जाएगी तो ?
- मैं बहुत डर जाऊंगा ।
- बस यही सिद्धांत है। यही सिद्धांत है। इस को पकड़ लो।

5.
- लोगों को सबसे प्यारा क्या होता है राजन?
- धर्म ।
- तुम्हें लोगों से कहना पड़ेगा कि उनका धर्म खतरे में है।
- पर किसी का धर्म खतरे में कैसे हो सकता है राजगुरु? सबको अपने अपने धर्म पर चलने की आज़ादी है । जो जितना चाहे धर्म करें, कौन उसे रोक  सकता है।
- हां तुम ठीक कहते हो किसी का धर्म खतरे में नहीं हो सकता।
-तब लोगों को कैसे समझाया जाएगा कि उनका धर्म खतरे में है?
- डर होता नहीं, डर पैदा किया जाता हैराजन, यह बात गांठ में बांध लो।

6.
- आप तो ज्ञान का सागर है राजगुरु। यह बताइए कि डर  किस तरह पैदा किया जाता है?
-  हज़ार मुंह से बोल कर भी और चुप रह कर भी।
-  चुप रहने से कैसे डर पैदा होता है राजगुरु?
- चुप्पी एक संदेश है राजन।
- और बोलना
- हज़ार मुंह से बोलना उससे बड़ा संदेश है।और वही संदेश है।

7.
- डर के और क्या क्या लाभ हैं राजगुरु?
- भय के अनगिनत लाभ हैं राजन ।
- क्या?
- पहला लाभ यह कि लोग तुम्हारी बात सुनते हैं।
- और ?
- और दूसरा लाभ यह है कि लोग संगठित होते हैं।
- और?
- तीसरा लाभ यह है कि लोगों में असुरक्षा की भावना पैदा होती है
-  और
- उसके बाद लोग तुमसे सुरक्षा की मांग करते हैं।
-सुरक्षा की मांग?
- हां हां इसमें डरने की क्या बात है राजन। जनता को सुरक्षा देना सदा लाभकारी होता है।

8.
- भय के और क्या लाभ है राजगुरु?
- भय का एक और बहुत बड़ा लाभ है।
- वह क्या है?
- राजन, भय शत्रु पैदा करता है।
- शत्रु?
- हां रजन शत्रु।
- उससे क्या होता है राजगुरु?
- उसी से सब कुछ होता है राजन।
- क्या?
- यदि शत्रु न हों तो मित्र बनाना बहुत मुश्किल हो जयेगा राजन।

9.
- शत्रु होने से और क्या लाभ होते हैं राजगुरु?
- शत्रु होने से घृणा का भाव पैदा होता है।
- घृणा का भाव?
- बहुत उत्तम, सर्वोच्च होता है घृणा का भाव।
- कैसे राजगुरु?
- इससे बदला लेने की भावना पैदा होती है।
- बदले की भावना?
- हां प्रतिशोध की भावना।

10.
- प्रतिशोध की भावना से क्या लाभ होता है राजगुरु?
- सबसे बड़ा लाभ इसी भावना से होता है।
- कैसे?
- इस तरह कि प्रतिशोध में आदमी अंधा हो जाता है।
- अंधा हो जाता है, तो उस से क्या लाभ?
- उसी से तो लाभ होता है। अंधे लोगों से सत्ता को  जितना लाभ पहुंचाता है उतना आंख वालों से नहीं पहुंचता।
***
#vss

No comments:

Post a Comment