Monday 24 August 2015

एक कविता ,...... कुछ तुम पर मैंने गीत लिखे हैं ! / विजय शंकर सिंह




कुछ तुम पर , मैंने गीत लिखे हैं ,
कहो आज तो , पढ़ दूँ सब !

कुछ शेर तुम्हारी ज़ुल्फ़ों पर ,
कुछ नग्मे हैं , तेरी आँखों पर !

अधरों पर खोये , कुछ भाव प्रिये ,
कुछ लिख सका तेरे आरिज  पर ,

फिर भी कुछ तुक ले आया हूँ ,
कहो आज तो , पढ़ दूँ सब !
जो तुम पर , मैंने गीत लिखे हैं !!

( विजय शंकर सिंह )

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