Wednesday 3 July 2013

जो रुक जाओ तो, तनहा हो !!




कुछ पंछी झुण्ड में उड़ते हों ,
और राह भी, कुछ मुश्किल हो ,
दूर  क्षितिज पर जाना हो ,
और एक पंछी घायल हो जाए .

वह बेदम हो कर, गिर जाए ,
तो रिश्ते, नाते, प्यारे सब ,
कब, किस की खातिर, रुकते हैं ?
सब, अपनी राह पर, चलते हैं !

इस दुनिया की है, रीत यही ,
जो  साथ चलो तो, साथ बहुत ,
जो रुक जाओ तो, तनहा हो !
जो रुक जाओ तो, तनहा हो !!  
-vss


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